प्रश्न : जीवन में बहुत कुछ मिलता है पर अधूरी इच्छाओं के रहते एक असंतुष्टता की भावना रह जाती है मन में। इससे दुख पहुँचता है, क्या करें, इनसे कैसे निपटें?
श्री श्री रविशंकर : आपने बेसिक कोर्स किया है न? उसमें क्या सीखा? जीवन में कभी सफलता तो कभी असफलता मिलती है और दोनों को साथ लेकर चलना है। असफलता से आप को कभी खुशी नहीं मिल सकती, उस से दुख ही मिलेगा। तो फ़िर उस समय क्या करें? उसके लिये अपने पास दो उपाय हैं - ’सो वट?’(तो क्या?) और ’सोहम’! अब तुम्हारे पास ये दो कुंजियाँ हैं परिस्तिथि को सम्भालने के लिये!
🙏🏻 जय गुरुदेव 🙏🏻
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